ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र जाप कि शक्ति

महान भक्त बालक ध्रुव महाराज के गुरु श्रील नारद मुनि ने उन्हें ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय” ‘मंत्र के जाप में प्रवृत्ति किया।
 छोटे बालक ध्रुव महाराज उस समय मात्र 5 वर्ष के थे अपने सौतेली माता के कठोर व्यवहार से दुखी होकर जंगल में भगवान नारायण की खोज में निकल पड़े थे ।श्री नारद मुनि ने उन्हें देखकर सभी प्रकार से सांत्वना दी किंतु बालक ध्रुव का हट  था की हर परिस्थिति में मुझे भगवान का साक्षात्कार करना है ।
श्री नारद मुनि ने उनके इस दृढ़ निश्चय को देखकर
उन्हें भगवान के इस पवित्र मंत्र को प्रदान किया।
 तत्क्षण बालक ध्रुव ने पूरी निष्ठा एवं श्रद्धा के साथ इस मंत्र “ओम नमो भगवते वासुदेवाय” का निरपराध निरंतर जप प्रारंभ किया 6 महीनों में इस मंत्र के दिव्य प्रभाव से ध्रुव महाराज को भगवान नारायण के दर्शन प्राप्त हुए ।धृव महाराज ने अन्य किसी भी पद्धति का अनुशीलन नहीं किया , एक मात्र भगवान के पवित्र नामों का जप करके ध्रुव महाराज ने अपने जीवन को सफल एवं सिद्ध किया।
 यह इतना बड़ा प्रमाण है कि भगवान का साक्षात्कार सिर्फ उनके नाम जप के द्वारा निश्चित रूप से संभव है।
 परमपूज्य श्रीला प्रभुपाद ने भी  नारद मुनि की तरह सारे विश्व के उत्सुक भक्तों को,
 हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे
 हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
महामंत्र के दिव्य जाप में प्रवृत्त किया एवं इसके प्रभाव से सभी के जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन दृष्टिगोचर हुआ।  एक सिद्धांत को समझने की आवश्यकता है जिस प्रकार से सूर्य के उदय होने पर प्रकाश एवं ताप स्वतः आता हैः उसी प्रकार जहां भी भक्ति का उदय होता है। ज्ञान एवं वैराग्य स्वतः आते हैंः
 अपने आप सारे दुर्गुणों से अरुचि हो जाती है एवम भौतिक आसक्तियों से निवृत्ति होने लगती है ।कोई कितना भी बड़ा पापी क्यों न हो भगवान के दिव्य नाम के जप के प्रभाव से अनंत जन्मों के पाप तत्क्षण नष्ट हो जाएंगे एवं मन निर्मल बनेगा।
 श्रीमद्भागवतम् में श्रीला  व्यासदेव जी कहते हैं कि ‘जो बुद्धिमान व्यक्ति है वह कलयुग में भगवान के दिव्य नामों का जप स्वीकार करते हैं” यही कलयुग का परम धर्म है संत श्री वेदान्त महाराज जी WhatsApp 9981293090

1 comment:

  1. Om namobhagvate vasudevaye namha...jay shri radhe Krishna jay shri ram..

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