श्री गणेश के 15 अनसुने तथ्य आपको अचरज में डाल देंगे.
श्री गणेश के 15 अनसुने तथ्य आपको अचरज में डाल देंगे.
भगवान श्रीगणेश बुद्धि और कौशल के देवता हैं। उनकी आराधना कर अर्थ, विद्या, बुद्धि, विवेक, यश, प्रसिद्धि, सिद्धि सहजता से प्राप्त हो जाती हैं। हिन्दुओं में खासतौर पर श्रीगणेश प्रथम पूज्य देवता है परंतु इस हकीकत से परे एक और सत्य है। श्रीगणेश सिर्फ हिन्दुओं द्वारा और भारत में ही नहीं पूजे जाते, बल्कि विश्व में कई जगहों पर श्रीगणेश प्रमुख आराध्य देव हैं।
गणपतिजी की आराधना को लेकर कुछ ऐसे तथ्य हैं, जिनसे आप अब तक अनजान रहे हैं । इन्हें जानने के बाद आप दुगुनी श्रद्धा और भक्ति के साथ गणपतिजी की आराधना में जुट जाएंगे। जानिए क्या है विश्व के अन्य स्थानों पर श्रीगणेश की पूजन परंपराएं और उनके विषय में प्रचलित मान्यताएं इन रोचक तथ्यों के आधार पर।
जापान में भगवान गणपतिजी के 250 मंदिर हैं।
जापान में श्रीगणेश को 'कंजीटेन' के नाम से जाना जाता है। वे वहां सौभाग्य और खुशियां लाने वाले देवता है।
ऑक्सफॉर्ड में छपे एक पेपर के अनुसार श्रीगणेश प्राचीन समय में सेंट्रल एशिया और विश्व की अन्य जगहों पर पूजे जाते थे।
गणेशजी की मूर्तियां अफगानिस्तान, ईरान, म्यान्मार, श्रीलंका, नेपाल, थायलैंड, लाओस, कंबोडिया, वियतनाम, चाइना, मंगोलिया, जापान, इंडोनेशिया, ब्रुनेई, बुल्गारिया, मेक्सिको और अन्य लेटिन अमेरिकी देशों में मिल चुकी हैं।
श्रीगणेश की मूर्तियों और चित्रों की प्रदर्शनी दुनिया के लगभग सभी खास म्यूजियम और आर्ट गैलरियों में लग चुकी हैं। खासतौर पर यूके, जर्मनी, फ्रांस और स्वीट्जरलैंड में।
यूरोप के कई देशों, कनाडा और यूएसए में कई सफल बिजनेसमैन, लेखक और आर्टिस्ट अपने ऑफिसों और घरों में भगवान गणेश की प्रतिमाएं और चित्र रखते हैं।
हाल ही में बुल्गारिया के सोफिया के पास एक गांव में भगवान गणेशजी की एक प्रतिमा जमीन में से मिली। भारतीयों की तरह रोमन लोग श्रीगणेश की पूजा के साथ सभी काम शुरू करते थे।
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